निश्चित रूप से, कामोन्माद विकारों में कामोन्माद प्राप्त करने या पर्याप्त यौन उत्तेजना के बावजूद कामोन्माद में देरी या अनुपस्थिति का अनुभव करने से संबंधित कई कठिनाइयां शामिल हैं। यहां कुछ कारक हैं जो इन मुद्दों में योगदान दे सकते हैं:
मनोवैज्ञानिक कारक: तनाव, चिंता, अवसाद, पिछले दर्दनाक अनुभव, शरीर की छवि के मुद्दे, या प्रदर्शन चिंता जैसे मनोवैज्ञानिक पहलू संभोग सुख तक पहुंचने की क्षमता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। ये कारक मानसिक बाधाएँ पैदा कर सकते हैं जो यौन आनंद को बाधित करते हैं।
चिकित्सीय स्थितियाँ: मधुमेह, तंत्रिका संबंधी विकार, हार्मोनल असंतुलन, पेल्विक आघात या पुरानी बीमारियाँ जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ तंत्रिका कार्य, रक्त प्रवाह या हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे यौन उत्तेजना पर प्रतिक्रिया करने की शरीर की क्षमता में हस्तक्षेप हो सकता है।
दवाएं: कुछ दवाएं, विशेष रूप से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली या हार्मोन के स्तर को बदलने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो यौन उत्तेजना या संभोग सुख में बाधा डालते हैं।
रिश्ते के मुद्दे: रिश्ते में कठिनाइयाँ, जैसे संचार समस्याएं, अनसुलझे संघर्ष, अंतरंगता की कमी, या भावनात्मक दूरी, यौन संतुष्टि और संभोग सुख तक पहुंचने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।
सांस्कृतिक या धार्मिक कारक: सामाजिक-सांस्कृतिक मान्यताएं, पालन-पोषण, या धार्मिक कारक यौन सुख के संबंध में अपराधबोध, शर्म या संकोच की भावनाओं में योगदान कर सकते हैं, जिससे किसी की आराम करने और संभोग सुख का अनुभव करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
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