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सोने पर सुहागा है त्रिफला के साथ शिलाजीत की सफाई


Himalayan Shilajit
Himalayan Shilajit


शिलाजीत का असर बीमारियों को दूर करने में, इम्यूनिटी मजबूत करने में, शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में और सबसे अहम सेक्शुअल हेल्थ को बेहतर करने में तब ही पूरी तरह से हो पाता है, जब शिलाजीत को तैयार करने की विधि सही हो। वह तरीका आयुर्वेदिक हो। शिलाजीत की अशुद्धियों को कुछ खास आयुर्वेदिक पद्धति से दूर किया जाए। शिलाजीत का सबसे बेहतरीन सफाई का तरीका है त्रिफला के साथ वाली सफाई।


कहां से मिलता है शिलाजीत

शिलाजीत को पर्वतों से इकट्ठा किया जाता है। इसमें अद्भुत औषधीय गुण होते हैं। हिमालय की ऊंची चोटियों पर इसे खोजा जा सकता है, पर अच्छी गुणवत्ता वाले  शिलाजीत  को खोजने के लिए अनुभव और सही परख का होना भी जरूरी है। यह ठीक वैसे ही है कि हर पीली चीज सोना नहीं होती, वैसे ही हर तरह के  शिलाजीत  का गुण भी एक जैसा नहीं होता।

 

साफ-सफाई की शुरुआत

इकट्ठा करने के बाद इसकी  शुरुआती सफाई भी काफी सावधानी से की जाती है। इसमें मौजूद धूल, मिट्टी आदि हटाने के लिए सामान्य पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद की सफाई के लिए  शिलाजीत  को त्रिफला के साथ उबालना चाहिए,। हकीकत यह है कि  healdesire जैसी कुछ कंपनियां ही  शिलाजीत  की सफाई में त्रिफला का उपयोग सही मात्रा में करती हैं। ज्यादातर कंपनियां सिर्फ पानी में उबालकर या अल्कोहल या किसी केमिकल से सफाई करके, इसके बाद सुखाकर पाउडर या रेजिन आदि के रूप में मार्केट में ले आती हैं। लेकिन यह तरीका पूरी तरह सही नहीं है। बेहतर और आयुर्वेदिक तरीके से सफाई के लिए त्रिफला का उपयोग सही मात्रा में जरूर होना चाहिए। ज्यादातर कंपनियां त्रिफला के साथ वाली सफाई इसलिए नहीं करतीं क्योंकि इससे उनका खर्च काफी बढ़ जाता है यानी फायदे में कमी होने लगती है। 




 

त्रिफला वाली सफाई ऐसे

शुरुआती सफाई के बाद त्रिफला वाली सफाई शुरू होनी चाहिए। इसके लिए शिलाजीत को त्रिफला के साथ उबाला जाता है। इसके लिए पहले त्रिफला चूर्ण को पानी में डालकर उबाला जाता है। यहां भी पानी में सही मात्रा में त्रिफला चूर्ण का होना जरूरी है। त्रिफला के अच्छी तरह उबल जाने के बाद स्वाभाविक तौर पर उस उबले हुए पानी में त्रिफला के औषधीय गुण आ जाते हैं। इसके बाद त्रिफला वाले उबले हुए पानी में शिलाजीत मिलाया जाता है। फिर त्रिफला के साथ शिलाजीत को उबाला जाता है। इसका उद्देश्य शिलाजीत में मौजूद अशुद्धियों को हटाना, उसकी गुणवत्ता बढ़ाना, शिलाजीत में त्रिफला के औषधीय गुण को पहुंचाना और शिलाजीत को शारीरिक रूप से अधिक सुरक्षित बनाना है। दरअसल, त्रिफला में आंवला, बहेड़ा और हरितकी जड़ी-बूटी की मौजूदगी होती है। ये तीनों ही शिलाजीत से हानिकारक तत्वों को निकालने में मदद करती हैं और इसके पोषक तत्वों को शुद्ध भी करती हैं। फिर कुछ और प्रक्रियाओं से गुजारने के बाद इसे सुखाकर पाउडर, रेजिन या टैब्लेट फॉर्म में बाजार में लाया जाता है। गुणवत्ता पर काम करने वाली कंपनी शिलाजीत की पैकिंग के दौरान यह भी ध्यान रखती है कि इसे कोई बाहरी तत्व छू भी न सके। पूरी तरह से पैक्ड रूम में पैकिंग की व्यवस्था होती है। इस तरह से बनाया हुआ शिलाजीत ज्यादा शुद्ध और असरकारक होता है। इसमें मौजूद त्रिफला पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे शिलाजीत को शरीर द्वारा अवशोषित करने की प्रक्रिया आसान होती है। इससे शिलाजीत के तत्व शरीर में जल्दी और प्रभावी तरीके से पहुंचते हैं। यह शारीरिक क्षमता और सेक्शुअल पोटेंसी को बढ़ाता है। त्रिफला और शिलाजीत के मेल से शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत होती जाती है। यह शरीर में ऐंटिऑक्सिडेंट को भी बढ़ाता है, इससे त्वचा पर झुर्रियां कम पड़ती हैं। एजिंग धीमी होती जाती है। सीधे शब्दों में कहें तो एक तो शिलाजीत अदभुत गुणकारी, उस पर जब त्रिफला के गुण भी जुड़ जाते हैं तो सोने पर सुहागा हो जाता है

 
 
 

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