शीघ्र स्खलन बोले तो अर्ली डिस्चार्ज का इलाज है आसान
वैसे तो सहवास या संभोग का सीधा-सा मतलब है, दोनों पार्टनर की बराबर की हिस्सेदारी। पर अपने देश में जहां सेक्स शब्द बोलने से पहले लोग अगल-बगल झांकते हैं, वहां इस विषय पर महिलाएं अपनी इच्छाओं को, ज़रूरतों को सही से रख पाएं, ऐसा कम ही होता है। आज भी ज्यादातर कपल के बीच सहवास का मतलब पुरुष का डिस्चार्ज हो जाना ही है। सीधे कहें तो महिला की संतुष्टि की बात नहीं होती। ऐसे में कभी-कभी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए दूसरों के साथ संबंध बनाने के मामले भी सामने आ जाते हैं। इससे घर टूटने की नौबत तक आ जाती है। चूंकि महिलाएं अपनी इच्छाओं को हिचक की वजह से या हया की वजह से नहीं कह पातीं। ऐसे में ज्यादातर घरों में पुरुषों की एक समस्या पर बात कम ही होती है।
क्यों होता है यह: इसकी कई वजहें हो सकती हैं: एंजायटी यानी चिंता इसका एक बड़ा कारण है। वहीं कुछ लोगों में सेक्स को लेकर बहुत ज्यादा संवेदना होने की वजह से भी अर्ली डिस्चार्ज की परेशानी हो सकती है।
अर्ली डिस्चार्ज की परेशानी को जल्दी समझना है जरूरी
कहीं देर ना हो जाए। इसलिए अर्ली डिस्चार्ज यानी प्रीमेच्योर इजेकुलेशन जिसे हिंदी में शीघ्र स्खलन कहते हैं को जितनी जल्दी हो दूर कर लें उतना ही अच्छा है। वैसे इस समस्या का पता पुरुषों को तो रहता है, कई बार महिलाएं भी समझती हैं, पर लिहाज करने की वजह से अपने पति को कह नहीं पातीं। उन्हें लगता है कि कहीं उनके पति की मर्दानगी पर ठेस न पहुंच जाए। यहां इस बात को समझना भी ज़रूरी है कि अर्ली डिस्चार्ज में भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं, बशर्ते कि पुरुष में स्पर्म की संख्या और उनकी मोबिलिटी सही हो। पर पुरुष के अर्ली डिस्चार्ज की वजह से महिलाओं को अक्सर असल शारीरिक सुख यानी क्लाइमैक्स नहीं मिलता। वहीं कई संजीदा पुरुष खुद को महिला की ज़रूरत की पूर्ति न कर पाने की वजह से कई बार खुद को कमजोर समझने लगता है। कई बार यह घर में कलह का बड़ा कारण भी बनता है।
जब हो जाए अर्ली डिस्चार्ज तो क्या करें
सेक्स में वैसे तो सफर का ही असली मजा है, लेकिन मंजिल तो फिर भी मंजिल ही होती है। सेक्स के सफर की शुरुआत सेक्स की इच्छा से होती है। यह इच्छा अगर दोनों पार्टनर में हो तो मजा शुरुआत से ही दोगुना हो जाता है। इसके बाद पुरुष के प्राइवेट पार्ट में तनाव आता है और महिला के प्राइवेट पार्ट यानी योनि में गीलापन। इस दौरान फोरप्ले यानी एक-दूसरे को सहलाना और उत्तेजना को बढ़ाना जारी रहता है। कुछ पुरुष इस दौरान ही डिस्चार्ज के शिकार हो जाते हैं यानी महिला के प्राइवेट पार्ट में प्रवेश से पहले ही। ऐसे में महिला को प्रेग्नेंसी नहीं होती। अगर कोई पुरुष इस समय तक डिस्चार्ज नहीं हुआ तो महिला के प्राइवेट पार्ट में प्रवेश के चंद सेकंड में ही डिस्चार्ज हो जाने की घटना सबसे ज्यादा आम है। इसे भी हम अर्ली डिस्चार्ज ही कहेंगे। वैसे अर्ली डिस्चार्ज हर उस स्थिति को कह सकते हैं जब महिला की इच्छा हो कि वह क्लाइमैक्स तक पहुंचे, लेकिन पुरुष पार्टनर उसे क्लाइमैक्स यानी ऑर्गेजम या चरमसीमा तक पहुंचाने में असफल हो तो यह स्थिति भी अर्ली डिस्चार्ज की श्रेणी में आती है। वैसे प्रवेश के बाद 2 मिनट से ज्यादा तक सहवास करना औसतन अच्छा माना जा सकता है।
जब अर्ली डिस्चार्ज हो जाए तो पुरुष की यह जिम्मेदारी है कि वह महिला पार्टनर को ओरली या फिर मास्टरबेशन या फिर किसी आर्टिफिशल लिंग या पेनिस की मदद से क्लाइमैक्स तक पहुंचाए। इस तरह की चर्चा वात्स्यायन के कामसूत्र में भी है। पर यह स्वाभाविक है कि हर सहवास में ऐसा नहीं किया जा सकता। इसलिए इस तरह की परेशानी का फौरी और स्थायी इलाज, दोनों कराए जा सकते हैं:
Healdesire इस मामले में कुछ अलग है। यह न सिर्फ आयुर्वेदिक बल्कि एलोपैथी की दवाएं भी बनाती है। अगर किसी को फौरी राहत चाहिए तो इसके लिए Dapoxitene नामक अंग्रेजी दवा है। इससे अर्ली डिस्चार्ज की समस्या लेट डिस्चार्ज में बदल जाती है।
वहीं Healdesire के पास आयुर्वेद के कई प्रोडक्ट हैं जिसके सेवन से इसमें काफी फायदा होता है। वहीं इसमें एक क्रिया करने से भी फायदा होता है- मान लें कि किसी को यूरिन का प्रेशर आया हो और उसे रोकना हो। ऐसे में जो क्रिया यूरिन को रोकने के लिए किया जाता है, उसी क्रिया को सुबह-शाम 10 बार करने से कुछ फायदा ज़रूर होता है। अगर साथ में आयुर्वेद सप्लिमेंट भी लिया जाए तो फायदा ज्यादा होता है।
नोट: अर्ली डिस्चार्ज की समस्या को लोग नामर्दगी से जोड़ देते हैं। इस वजह से इस परेशानी से जुड़े लोगों को मानसिक परेशानी होती है जबकि इसका इलाज है। यहां ऐसे ही कुछ सवाल दिए गए हैं।
Q. 22 साल का हूं। अर्ली डिस्चार्ज की समस्या है। बीते दिनों अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स के दौरान मैं पहले ही क्लाइमैक्स पर पहुंच गया। मैं दोबारा ऐसा नहीं चाहता हूं।
Ans. लोग यह मान लेते हैं कि अर्ली डिस्चार्ज की परेशानी अक्सर ज्यादा उम्र में होती है। पर यह सच है कि आजकल यह परेशानी कम उम्र में भी होने लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह एंग्जायटी, स्ट्रेस ज्यादा रहना, डिप्रेशन आदि हो सकता है। आजकल लोगों की जॉब को लेकर स्ट्रेस का लेवल काफी रहता है। किसी को फैमिली को लेकर काफी चिंता रहती है। कोई अपनी या फिर किसी करीबी की बीमारी की वजह से परेशान होता है। ऐसे में हेल्दी सेक्स दूर की बात हो जाती है।
चिंता से कुछ दूरी है ज़रूरी
सच तो यह है कि एक ही वक्त में कोई शख्स सहवास भी करे और उसका दिमाग किसी बात को लेकर चिंतित भी हो। वह बहुत तनाव में भी हो। अगर ऐसा होगा तो वह स्वाभाविक है कि वह सेक्स की क्रिया में ज्यादा सफल नहीं हो सकता। इसलिए कोशिश तो यही होनी चाहिए कि सहवास के दौरान इन सभी चीज़ों से मुक्त रहें। पर कई बार लोग चाहकर भी इससे निकल नहीं पाते। कुछ लोग इसके लिए शराब का सहारा लेते हैं। इससे परेशानी कम होने की बजाए बढ़ ही जाती है। ऐसे में कुछ उपाय है जिन्हें अपना सकते हैं।
क्या करें फौरी राहत के लिए: Dapoxetine दवा फायदा पहुंचा सकती है।
क्या करें स्थायी समाधान के लिए : इसमें आयुर्वेद के कुछ सप्लिमेंट्स काफी काम आ सकते हैं। Healdesire के सप्लिमेंट्स से काफी लोगों को फायदा हुआ है। इन दवाओं का असर होने में कुछ वक्त लग सकता है, लेकिन परिणाम अमूमन स्थायी ही होते हैं।
Q. मैंने देसी वायग्रा लिया था अर्ली डिस्चार्ज की समस्या के निदान के लिए। मुझे कोई खास फायदा नहीं हुआ। दूसरे दिन हल्का सिरदर्द भी हुआ।
Ans. अगर मैं आपके सवाल का सीधे जवाब दूं तो आपने अपनी परेशानी के लिए सही दवा का चयन नहीं किया। इसे विस्तार से समझने के लिए यह जान लें किसी भी पुरुष में सेक्स के 5 चरण होते हैं:
1. सबसे पहले सेक्स की इच्छा यानी कामेच्छा पनपती है।
2. फिर फोरप्ले की शुरुआत होती है। यह या तो दूसरे पार्टनर के साथ होता है या फिर मास्टरबेशन के केस में खुद के अंगों के साथ।
3. इसके बाद पुरुष के प्राइवेट पार्ट में तनाव आता है।
4. फिर महिला के प्राइवेट पार्ट में प्रवेश
5. प्रवेश के बाद सहवास का असल दौर चलता है। यह तब तक चलना चाहिए जब तक दोनों पार्टनर संतुष्ट न हो जाए। कोशिश यह होनी चाहिए कि महिला पार्टनर पहले संतुष्ट हो।
6. क्लाइमैक्स यानी ऑर्गेज़म यानी चरमसीमा
अब वापस आपकी बातों पर आते हैं। आपको परेशानी है अर्ली डिस्चार्ज यानी Premature Ejaculation की और आपने दवा ली है प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन बढ़ाने की। दरअसल, देसी वायग्रा का काम इरेक्शन को बढ़ाना है। आए हुए कम तनाव को ज्यादा करना।
अर्ली डिस्चार्ज यानी शीघ्र पतन या शीघ्र स्खलन जैसी परेशानी के लिए कई दूसरी दवाएं हैं जिन्हें खाने से शीघ्र स्खलन की समस्या देरी स्खलन में बदल जाती है। इनमें कुछ फौरी राहत के लिए होती हैं और कुछ स्थायी समाधान के लिए:
फौरी राहत के लिए
1. Dapoxitene या Clomipramine
2. पुरुष के प्राइवेट पार्ट लगाने वाला क्रीम: इस तरह के क्रीम से भी अर्ली डिस्चार्ज की समस्या टल जाती है। दरअसल, ये क्रीम पुरुष के प्राइवेट पार्ट की संवेदना को कुछ कम कर देती है। Healdesire के पास भी एक ऐसा ही क्रीम है जो जांचा और परखा हुआ है।
3. आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज स्थायी तौर पर हो जाता है। इसमें कुछ समय ज्यादा लगता है लेकिन परेशानी से निदान मिल जाता है। Healdesire के कुछ आयुर्वेदिक सप्लिमेंट हैं जिन्हें शुरू करने से फायदा ज़रूर होगा। इनसे जहां अर्ली डिस्चार्ज की समस्या दूर होती है, वहीं प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन में भी फायदा होगा। दवा शुरू करने के बाद इसका असर 30 से 45 दिनों में अमूमन दिखने लगता है।
नोट: यह ध्यान रखें कि कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
Q. 50 बरस का हूं। क्या हाई बीपी की दवा की वजह से अर्ली डिस्चार्ज यानी शीघ्र स्खलन की समस्या हो सकती है?
Ans. अगर किसी को हाई बीपी यानी हाइपरटेंशन की परेशानी हो और वह इसकी दवा भी ले रहा हो तो अमूमन ऐसा देखा नहीं जाता है कि शख्स को अर्ली डिस्चार्ज की परेशानी हो। हां, इरेक्शन में कमी की समस्या हो सकती है। फिर भी इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। अर्ली डिस्चार्ज की परेशानी ठीक वैसा ही है जैसे किसी को हल्की चोट लगी हो। लेकिन अपने बीपी को काबू करने के लिए ब्रिस्क वॉक करें। एक्सरसाइज़ भी ज़रूर करें। वैसे आपने जो बताया है उसके अनुसार सेक्स के दौरान आपकी बाकी चीज़ें ठीक हैं, मसलन: सेक्स की इच्छा होती है, प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन यानी मजबूती भी आती है, प्रवेश के समय आप जल्दी डिस्चार्ज हो जाते हैं यानी आपका पानी (सीमन) निकल जाता है।
क्यों होता है प्रीमेच्योर इजेकुलेशन
अगर अर्ली डिस्चार्ज की परेशानी जवानी में हो तो इसे सामान्य कहा जा सकता है क्योंकि जवानी में जोश ज्यादा होता है। इसमें शरीर के भीतर के ज्वारभाटा को संभालना मुश्किल हो जाता है। बीतते वक्त के साथ लोग इसे सीख जाते हैं। पर जब यह ज्यादा उम्र में हो तो यह सामान्य हो जाता है। कई पुरुष सेक्स के दौरान काफी संवदेनशील होता है। महिला के तनिक स्पर्श से भी वह उत्तेजना की चरमसीमा पर पहुंचकर क्लाइमैक्स पा लेता है। वहीं कुछ लोगों को चिंता, फिक्र की वजह से इस तरह की परेशानी हो सकती है।
इस परेशानी के लिए कई तरह से उपाय किए जा सकते हैं:
1. अपनी महिला पार्टनर को संतुष्टि प्रदान करने के लिए हस्थमैथुन या मुखमैथुन (ओरल सेक्स) की मदद ले सकते हैं। यह वात्स्यायन के कामसूत्र में भी लिखा है कि पत्नी की संतुष्टि के लिए पति इन तरीकों को अपना सकता है।
2. Dapoxetine 60mg या Paroxetine 20mg की एक गोली ले सकते हैं। इससे अर्ली डिस्चार्ज की समस्या फौरी तौर पर टल जाएगी।
3. पुरुष के प्राइवेट पार्ट लगाने वाला क्रीम: इस तरह के क्रीम से भी अर्ली डिस्चार्ज की समस्या टल जाती है। दरअसल, ये क्रीम पुरुष के प्राइवेट पार्ट की संवेदना को कुछ कम कर देती है। Healdesire के पास भी एक ऐसा ही क्रीम है जो जांचा और परखा हुआ है।
4. आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज स्थायी तौर पर हो जाता है। इसमें कुछ समय ज्यादा लगता है लेकिन परेशानी से निदान मिल जाता है। Healdesire के कुछ आयुर्वेदिक सप्लिमेंट हैं जिन्हें शुरू करने से फायदा ज़रूर होगा। इनसे जहां अर्ली डिस्चार्ज की समस्या दूर होती है, वहीं प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन में भी फायदा होगा। दवा शुरू करने के बाद इसका असर 30 से 45 दिनों में अमूमन दिखने लगता है।
नोट: यह ध्यान रखें कि कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
Q. मैं 40 साल का हूं। सेक्स के दौरान मेरा Sperm जल्दी निकल जाता है यानी अर्ली डिस्चार्ज हो जाता है। मैं क्या करूं! क्या मैं Sildenafil और Dapoxetine की दवा एक साथ ले सकता हूं?
A. आपने जो परेशानी बताई है, यह बहुत ही कॉमन है। अर्ली डिस्चार्ज कहें, जल्दी स्खलन कहें या फिर बेड पर क्लीन बोल्ड होना। सभी का एक ही मतलब है कि अपनी महिला पार्टनर से पहले खुद क्लाइमैक्स पर पहुंच जाना। दूसरे शब्दों में कहें तो न चाहते हुए भी पुरुष का जल्दी डिस्चार्ज हो जाना यानी प्रवेश के बाद या पहले टाइम की कमी रहना। इस वजह से महिला पार्टनर असंतुष्ट रह जाती हैं। वह क्लाइमैक्स यानी ऑर्गेज्म पर नहीं पहुंच पातीं। यह कभी-कभी हो तो परेशानी की बात नहीं, लेकिन लगातार हो या बार-बार अर्ली डिस्चार्ज (Early Discharge) हो तो संबंधों में परेशानी हो सकती है। उस शख्स का आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
क्यों होता है यह:
सेक्स में परफॉर्मेंस संबंधी ज्यादातर परेशानियों का केंद्र दो पैरों के बीच में न होकर, यह दो कानों (ब्रेन) में होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह सारा आत्मविश्वास का ही खेल है। जो जितने अच्छे से खेलना जानता है, वह उतना ही बड़ा ही खिलाड़ी होता है। वैसे भी सेक्स यानी सहवास को क्रिकेट के टेस्ट (लंबे मैच) की तरह खेलने से ही मज़ा बढ़ता है। कभी-कभी 20-20 भी खेला जा सकता है। इसलिए जब कभी आत्मविश्वास का स्तर कम होता है यानी चिंता, फिक्र, एंग्जायटी बढ़ती है तो इसका असर ऑफिस के साथ घर व सेक्स के परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है। ऐसे में कई बार दवा की ज़रूरत पड़ सकती है। दवा या फिर सप्लिमेंट 2 तरीके से काम करता है:
तुरंत, लेकिन अस्थायी प्रभाव के लिए:
आपने जिन दो दवाओं की बात की है, ये दोनों दवाएं सहवास को ज्यादा आनंददायक बनाने का काम करती हैं। अगर किसी को दो तरह की परेशानी (इरेक्शन में कमी और जल्दी स्खलन) हो, तभी दोनों दवाओं को लेना चाहिए। नहीं तो जिस दवा की जरूरत हो उसी को लेना सही रहेगा।
-Dapoxetine:यह अर्ली डिस्चार्ज में काम करती है यानी आपकी असल समस्या को दूर करने में यही मददगार होगी।
-Sildenafil : इस दवा का काम है पुरुष के प्राइवेट में मजबूती यानी इरेक्शन को बढ़ाना।
कुछ दिनों के बाद से, लेकिन स्थायी असर के लिए:
अगर अर्ली डिस्चार्ज या फिर प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन बढ़ाना के लिए स्थायी इलाज चाहिए तो आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल और कुछ आयुर्वेदिक सप्लिमेंट काफी कारगर हैं।
1. ज्यादा फाइबर (सलाद, फल खाएं)
2. हर दिन 1 से डेढ़ घंटा ब्रिस्क वॉक और एक्सरसाइज़ को दें।
3. Healdesire के कुछ आयुर्वेदिक सप्लिमेंट हैं जिन्हें शुरू करने से फायदा ज़रूर होगा। इनसे जहां अर्ली डिस्चार्ज की समस्या दूर होती है, वहीं प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन में भी फायदा होगा। दवा शुरू करने के बाद इसका असर 30 से 45 दिनों में अमूमन दिखने लगता है।
नोट: यह ध्यान रखें कि कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें।
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